Original Mishra https://originalmishra.com Mon, 28 Aug 2023 10:29:09 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5 https://originalmishra.com/wp-content/uploads/2023/06/cropped-Circle-500x500-1-32x32.png Original Mishra https://originalmishra.com 32 32 विश्वासघात का दर्द नई शुरुआत – Part II https://originalmishra.com/biswasghat-ka-dard-nayi-suruyat-part-2/ https://originalmishra.com/biswasghat-ka-dard-nayi-suruyat-part-2/#respond Mon, 28 Aug 2023 16:30:00 +0000 https://originalmishra.com/?p=807

विश्वासघात का दर्द नई शुरुआत – Part II

विश्वासघात का दर्द नई शुरुआत – Part II

कई महीनों बाद, एस अभी भी लोगों पर भरोसा करने के लिए संघर्ष कर रहा था। उसने अपने जीवन के साथ आगे बढ़ने की कोशिश की थी, और वह अपने दोस्तों के साथ उतना खुला नहीं था जितना पहले था।

एक दिन, एस सड़क पर चल रहा था जब उसे एक परिचित चेहरा दिखाई दिया। यह उसका दोस्त था जिसने उसे धोखा दिया था। एस रुक गया और उसे घूरता रहा।

“तुम क्या चाहते हो?” एस ने पूछा।

“मैं बस यह कहना चाहता था कि मैं माफी चाहता हूँ,” दोस्त ने कहा। “मुझे पता है कि मैंने तुम्हें चोट पहुँचाई है, और मुझे इसका अफसोस है। मैं एक कठिन समय से गुज़र रहा था, और मैंने एक गलती की। मुझे आशा है कि आप मुझे माफ कर सकते हैं।”

एस एक पल के लिए चुप रहा। उसे अभी भी अपने दोस्त के प्रति गुस्सा था, लेकिन वह भी जानता था कि उसे आगे बढ़ने के लिए उसे माफ करना होगा।

“मैं तुम्हें माफ कर देता हूँ,” एस ने आखिरकार कहा। “लेकिन मुझे फिर से तुम पर भरोसा करने में समय लगेगा।”

दोस्त ने सिर हिलाया। “मैं समझता हूँ,” उन्होंने कहा। “मैं आपको जितना समय चाहिए, दूँगा।”

दोनों दोस्तों ने हाथ मिलाया, और एस चला गया। अभी भी उसके पास एक लंबा रास्ता था।

हालांकि, उसके दोस्त के माफीनामे से उसे वह समापन नहीं मिला जिसकी वह उम्मीद कर रहा था। वह अभी भी विश्वासघात से परेशान था, और वह इस भावना को नहीं मिटा सका कि वह अपने दोस्त को फिर से पूरी तरह से भरोसा नहीं कर सकता था।

एक दिन, एस काम से घर जा रहा था जब उसने एक कार दुर्घटना देखी। वह दौड़कर घटनास्थल पर गया और देखा कि उसका दोस्त उनमें से एक था। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कुछ घंटे बाद उनकी मृत्यु हो गई।

यह एस के लिए एक विनाशकारी झटका था। उसने आखिरकार अपने दोस्त को माफ करना शुरू कर दिया था, और अब वह चला गया था। उसे ऐसा लगा जैसे उसने अपना एक हिस्सा खो दिया हो।

एस को इस नुकसान से उबरने में बहुत समय लगा। वह दुख और गुस्से की एक अवधि से गुजरा। उसने महसूस किया कि उसके दोस्त की मृत्यु उसकी गलती नहीं थी, और उसने खुद को माफ कर दिया कि वह उसे बचा नहीं सका।

एस ने यह भी सीखा कि हमें अपने प्रियजनों के साथ बिताए समय को महत्व देना चाहिए। वह जानता था कि वह कभी किसी को भी नहीं भूलेगा। अपने दोस्त की मृत्यु के कई महीनों बाद, एस अभी भी शोक में था। उसने एक ऐसे व्यक्ति को खो दिया था जिसे वह प्यार करता था, और वह इससे निपटने के लिए संघर्ष कर रहा था। वह अक्सर अपने दोस्त के बारे में सोचता था, और वह सोचता था कि अगर कार दुर्घटना कभी नहीं हुई तो क्या होता।

एक दिन, एस पार्क में घूम रहा था जब उसे एक फूल दिखाई दिया जो उसे अपने दोस्त की याद दिलाता था। वह एक बेंच पर बैठ गया और फूल को घूरता रहा। उसने उन सभी सुखद समयों के बारे में सोचा, और वह मुस्कुराया।

उस पल में, एस को एहसास हुआ कि वह आखिरकार ठीक हो रहा था। वह अपने दोस्त को कभी नहीं भूलेगा, वह अपने जीवन के साथ आगे बढ़ने लगा था, और वह सरल चीजों में आनंद ले रहा था।

एस जानता था कि उसका दोस्त चाहता था कि वह खुश रहे, और वह उसे गौरवान्वित करने के लिए दृढ़ था। उसने अपने परिवार और दोस्तों के साथ अधिक समय बिताना शुरू किया, और वह अपनी हॉबीज को फिर से शुरू करने लगा। उन्होंने एक स्थानीय अनाथालय में भी वॉलंटियरिंग शुरू की, और उन्हें इससे उन्हें एक उद्देश्य मिला।

समय लगा, लेकिन एस ने अंततः अपने दोस्त की मृत्यु से निपटा। उन्होंने दर्द के साथ जीना सीखा, और उन्होंने आगे बढ़ने का एक तरीका खोज लिया। वह जानता था कि उसका दोस्त हमेशा उसके दिल में रहेगा, और वह कभी भी उसके जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को नहीं भूलेगा।

Posted by

Share

This is my official blog where i will be sharing my stories and my perspectives and understandings about life and my world around me ! All views and opinions are my personal and I blame myself for the same !

About

This is the Official Web Portal of Digital Creator, Abhishek Mishra from India known by his brand name “ORIGINAL MISHRA”

Categories

]]>
https://originalmishra.com/biswasghat-ka-dard-nayi-suruyat-part-2/feed/ 0
विश्वासघात का दर्द नई शुरुआत https://originalmishra.com/biswasghat-ka-dard-nayi-suruyat/ https://originalmishra.com/biswasghat-ka-dard-nayi-suruyat/#respond Mon, 28 Aug 2023 11:30:00 +0000 https://originalmishra.com/?p=796

विश्वासघात का दर्द नई शुरुआत

विश्वासघात का दर्द नई शुरुआत

एस एक जासूस था जो अपनी जिंदगी के सबसे महत्वपूर्ण मिशन को पूरा करने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार था। वह इस मिशन को पूरा करने के लिए अपने सभी कौशल और ज्ञान का उपयोग करेगा।

इस मिशन के लिए, उसे एक अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करनी थी, जो 23 लोगों की जिंदगियों को बचा सकती थी। इस जानकारी को प्राप्त करना बहुत ही कठिन था, लेकिन एस जानता था कि वह इसे हासिल कर सकता है।

उसने कई सप्ताह तक इस जानकारी को खोजने में बिताए। वह दिन-रात काम करता था, और कभी-कभी तो वह सो भी नहीं पाता था। लेकिन आखिरकार, उसकी मेहनत रंग लाई और वह जानकारी हासिल करने में सफल हो गया।

एस ने इस जानकारी को सरकार के हाथों में सुरक्षित रूप से सौंप दिया। सरकार इस जानकारी से बहुत खुश थी, और उन्होंने एस को एक पुरस्कार दिया।

एस इस मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बहुत खुश था। लेकिन उसकी खुशी ज्यादा दिन नहीं चली। एक दिन, उसे पता चला कि उसके दोस्त, जिन्होंने उसकी मदद की थी, वास्तव में उसे धोखा दिया था। वे इस जानकारी को अपने निजी लाभ के लिए इस्तेमाल करने की योजना बना रहे थे।

एस को बहुत गुस्सा आया। उसने अपने दोस्तों को सबक सिखाने के लिए फैसला किया। वह उनके पीछे पड़ गया और उन्हें इस जानकारी का उपयोग करने से रोक दिया।

उन्होंने अपनी गलत करनी मान ली और एस से माफी मांगी। एस ने उन्हें माफ कर दिया और उन्हें एक और मौका दिया।

इस घटना के बाद, एस को एहसास हुआ कि उसे अपने दोस्तों को और भी बेहतर तरीके से जानना चाहिए था। उसने यह भी सीखा कि हमेशा अपने दोस्तों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। कुछ लोग सिर्फ अपने फायदे के लिए ही दोस्ती करते हैं। हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और अपनी जानकारी को दूसरों के साथ साझा करने से पहले सोचना चाहिए।

एस ने इस अनुभव से सीख ली और वह एक बेहतर जासूस बन गया। वह हमेशा अपने मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा करता था और वह अपने दोस्तों के साथ भी ईमानदार रहा।

लेकिन एस को पता था कि इस घटना ने उसे बदल दिया था। वह अब पहले जैसा नहीं था। वह अब पहले से कहीं ज्यादा सावधान था और वह दूसरों पर भरोसा करने में अधिक सतर्क था।

एस ने इस घटना से एक महत्वपूर्ण सबक सीखा था। वह सीख गया था कि दुनिया एक खतरनाक जगह है
एस महीनों बाद एक कॉफी शॉप में बैठा था, पिछले कुछ महीनों की घटनाओं पर विचार कर रहा था।

उसने अपना मिशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था, लेकिन उसके दोस्तों के विश्वासघात ने एक गहरा निशान छोड़ दिया था। वह अभी भी लोगों पर भरोसा करने के लिए संघर्ष कर रहा था, और वह चिंतित था कि वह कभी भी एक जैसा नहीं होगा।
वह एक टॉप-सीक्रेट मिशन पर काम कर रहा था ताकि एक आतंकवादी हमले को रोका जा सके। उन्होंने एक विश्वसनीय दोस्तों की टीम के साथ काम किया था, और वे सभी बहुत करीब थे। उन्होंने बहुत कुछ साथ किया था, और वे हमेशा एक-दूसरे के लिए थे। लेकिन फिर, उसके दोस्तों में से एक ने उसे धोखा दिया। उसने एस द्वारा एकत्र की गई वर्गीकृत जानकारी को चुराने की कोशिश की।

एस तबाह हो गया। उसने सोचा था कि वह अपने दोस्तों के साथ अपने जीवन पर भरोसा कर सकता है, लेकिन अब वह जानता था कि वह नहीं कर सकता। वह गुस्से में और आहत था, और वह नहीं जानता था कि वह अपने दोस्त को कभी कैसे माफ कर सकता है।

एक दिन, एस कॉफी शॉप में बैठा था जब उसने अपने दोस्त को आते देखा। वह उसे देखकर हैरान था, और उसे नहीं पता था कि क्या करना है। क्या उसे उसका सामना करना चाहिए? क्या उसे उसे अनदेखा करना चाहिए?

अंत में, एस ने उसका सामना करने का फैसला किया। वह खड़ा हुआ और अपने दोस्त की मेज पर चला गया।

“नमस्ते,” एस ने कहा।

उसके दोस्त ने कहा। “मैं बस इस इलाके में था और सोचा कि मैं रुक जाऊंगा।”

एक पल के लिए एक अजीब silence था। फिर, एस ने कहा, “मुझे अभी भी समझ नहीं आ रहा है कि आपने मुझे क्यों धोखा दिया।”

“मुझे माफ करना,” उसके दोस्त ने कहा। “मैंने आपको चोट नहीं पहुँचाने का इरादा किया था। मैं बस बुरे समय में था और मैंने एक गलती की।”

“एक गलती?” एस ने कहा। “आपने वर्गीकृत जानकारी को चुराने की कोशिश की! यह एक गलती नहीं है, यह एक अपराध है।”

“मुझे पता है,” उसके दोस्त ने कहा। “और मैं इसके लिए भुगतान करने जा रहा हूँ। मुझे पहले से ही आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।”

“मैं समझ गया,” एस ने कहा। “खैर, मुझे उम्मीद है कि आप अपनी गलती से सीखेंगे।”

“मैं करूँगा,” उसके दोस्त ने कहा। “मैं वादा करता हूँ।”

एस और उसके दोस्त कुछ और मिनटों तक बात करते रहे, और फिर एस चला गया। वह अभी भी गुस्से में था, लेकिन उसे भी एक सीमा का एहसास हुआ। वह जानता था कि वह कभी नहीं भूलेगा कि उसके दोस्त ने क्या किया था, लेकिन वह भी उसे माफ करने को तैयार था।

कॉफी शॉप से बाहर निकलते हुए, एस ने अभी-अभी हुई बातचीत के बारे में सोचा।

next part on demand

Posted by

Share

This is my official blog where i will be sharing my stories and my perspectives and understandings about life and my world around me ! All views and opinions are my personal and I blame myself for the same !

About

This is the Official Web Portal of Digital Creator, Abhishek Mishra from India known by his brand name “ORIGINAL MISHRA”

Categories

]]>
https://originalmishra.com/biswasghat-ka-dard-nayi-suruyat/feed/ 0
अड़े रहने की ताकत : एक नई उड़ान https://originalmishra.com/are-rehne-ki-taqat-ek-nayi-udaan/ https://originalmishra.com/are-rehne-ki-taqat-ek-nayi-udaan/#respond Mon, 21 Aug 2023 16:30:00 +0000 https://originalmishra.com/?p=787

अड़े रहने की ताकत : एक नई उड़ान

अड़े रहने की ताकत : एक नई उड़ान

अजय एक मेधावी छात्र था और इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर चुका था। वह एक अच्छी नौकरी पाकर अपने परिवार की मदद करना चाहता था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण नौकरी मिलना बहुत मुश्किल हो गया था।

अजय कई जगहों पर आवेदन करता है, लेकिन उसे कोई नौकरी नहीं मिलती है। वह निराश हो जाता है, वह ऑनलाइन कोर्स करता है और अपनी स्किल्स को अपग्रेड करता है। एक दिन, अजय को एक नौकरी के लिए इंटरव्यू का मौका मिलता है। वह इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करता है, लेकिन नौकरी नहीं मिलती। यह उसके लिए एक और निराशा का कारण बन जाता है, लेकिन वह हार नहीं मानता।

अजय के दोस्त और परिवार ने उसे प्रोत्साहित किया और उसे सिखाया कि वह अगर मेहनत करे तो अच्छी नौकरी पा सकता है। कुछ महीनों बाद, अजय को एक और नौकरी के लिए इंटरव्यू का मौका मिलता है। इस बार, इंटरव्यूअर: “नमस्ते अजय, कैसे हो आप?”

अजय: “नमस्ते सर, मैं ठीक हूँ, धन्यवाद।”

इंटरव्यूअर: “आपने अपने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन यह नौकरी आपकी पहली होगी। क्या आपके पास अपने काम के प्रति पूरा समर्पण है?”

अजय: “जी हाँ, सर, मैं यकीन के साथ कह सकता हूँ कि मैं पूरे मन से काम करने के लिए तैयार हूँ। मैं नौकरी में मेहनत और संघर्ष के साथ अपने कौशलों का प्रदर्शन करने का आश्वासन देता हूँ।”

इंटरव्यूअर: “बहुत अच्छा। आपके पास किसी विशेष क्षेत्र में ज्ञान है ?”

अजय: “जी, मैंने अपने पढ़ाई के दौरान डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग में विशेषज्ञता प्राप्त की है। मैंने प्रोजेक्ट्स किए हैं जिनमें मैंने डेटा विश्लेषण किया और मॉडल्स तैयार किए हैं।”

इंटरव्यूअर: “यह सुनकर अच्छा लगा। हमारी कंपनी में भी डेटा एनालिटिक्स की आवश्यकता है। यह हमारे लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं।”

अजय: “धन्यवाद सर, मैं आपके साथ काम करने का अवसर पाकर बहुत खुश होऊंगा।”

इंटरव्यूअर: “अच्छा, तो फिर हम आपको एक स्किल टेस्ट देंगे, जिससे हम आपकी क्षमताओं की जांच कर सकते हैं।”

अजय: “बिल्कुल, सर मैं तैयार हूँ।” इंटरव्यूअर और अजय की यह बातचीत उनके इंटरव्यू के दौरान होती है, जिसमें अजय अपने कौशलों और आत्मविश्वास को प्रदर्शित करता है और अंत में उसे स्किल टेस्ट के लिए तैयार होने का संकेत मिलता है। और फिर उसने नौकरी प्राप्त की। इससे उसकी खुशी की कोई सीमा नहीं रहती।

ये कहानी सच्ची घटना पर आधारित है जब तक कि सिर्फ़ डिग्री पर नौकरी ढूँढ ही जा रही थी तब तक कुछ नहीं मिला लेकिन थोड़ी सी एक्स्ट्रा स्किल उसके बाद काम आयी।

Posted by

Share

This is my official blog where i will be sharing my stories and my perspectives and understandings about life and my world around me ! All views and opinions are my personal and I blame myself for the same !

About

This is the Official Web Portal of Digital Creator, Abhishek Mishra from India known by his brand name “ORIGINAL MISHRA”

Categories

]]>
https://originalmishra.com/are-rehne-ki-taqat-ek-nayi-udaan/feed/ 0
अज्ञात संकेत सवाल और जीवन की चुनौतियाँ https://originalmishra.com/agwat-sanket-sawal-aur-jeevan-ki-chunotiya/ https://originalmishra.com/agwat-sanket-sawal-aur-jeevan-ki-chunotiya/#respond Mon, 21 Aug 2023 14:52:23 +0000 https://originalmishra.com/?p=777

अज्ञात संकेत सवाल और जीवन की चुनौतियाँ

अज्ञात संकेत सवाल और जीवन की चुनौतियाँ

परिणीता एक आवश्यकता से ज्यादा सपनों में जीने वाली लड़की थी, जिनकी दुनिया उसके विचारों में बसी होती थी। वह हमेशा नयी चीजों की तलाश में रहती थी और उसका दिल विचारों की उड़ानों में ही खोया रहता था।

एक दिन, एक सांझ को जब सूरज धीरे-धीरे गुम हो रहा था, परिणीता अपने सवालों की दुनिया में खो गई। वह अपनी फेवरिट पुस्तक के साथ अपने मन के किनारे पर बैठी थी, जब उसने कुछ अद्भुत देखा। उसकी किताब में एक छोटी सी चिट्ठी थी।
अपनी उत्सुकता को न रोक पाकर परिणीता ने तुरंत चिट्ठी को खोल लिया और पढ़ने लगी। चिट्ठी में लिखा था:
“परिणीता, तुम्हारी आवश्यकता को मैं समझ सकता हूँ। मेरी तरह ही तुम भी नए और अज्ञात सफर की तलाश में हो। आज रात को सूरज अधूरे होते समय वहीं पर मिलेंगे जहाँ तुमने यह चिट्ठी पाई।”
वह सोचने लगी कि क्या करना है, क्या वाकई वह इस चुनौती को स्वीकार करेगी।

अगली दिन सुबह, परिणीता ने अपनी चिट्ठी के बारे में अपने दोस्त सोनाली से बात की। सोनाली भी उत्सुक थी और उन्होंने मिलकर तय किया कि वे मिलेंगी चिट्ठी में दिए गए स्थान पर।
रात के समय, परिणीता और सोनाली वहीं पहुँच गई जहाँ चिट्ठी में दिशा दिए गए थे।

परिणीता और सोनाली के सामने वो आदमी खड़ा होता है, जिसका चेहरा छुपा हुआ होता है। “वेलकम, परिणीता और सोनाली,” उसने धीरे से कहा। “मुझे आपकी सहायता चाहिए।”

परिणीता और सोनाली के दिल में एक अजीब सी घबराहट थी। उन्हें लगता था कि कुछ अधूरा है, कुछ रहस्यमय है, जिसका खुलासा अभी बाकी है।

आदमी ने उन्हें अपनी यात्रा के उद्देश्य के बारे में बताया, लेकिन परिणीता ने पूछा”तुम्हारा इस सफर से क्या संबंध है?”।

आदमी ने एक मुस्कान दिखाई और उत्तर दिया, “मैं एक खोजी हूँ। मेरा उद्देश्य है कि मैं लोगों के बीच एक नया रूप से संवाद स्थापित कर सकूँ, वो भी बिना किसी शब्द के।”
सोनाली ने सवाल किया “क्या तुमने उस चिट्ठी को भेजा था?”।

आदमी ने सिर झुकाया और कहा, “हां, मैं ही वो हूँ। मैंने तुम्हें देखा कि तुम दुनिया की बाहर निकलने के लिए उत्सुक हो, और मैंने तुम्हें एक छोटे से संकेत के रूप में चिट्ठी भेजी।”

परिणीता और सोनाली एक-दूसरे की तरफ़ देखती हैं,
जब अचानक एक खबर आती है कि परिणीता की माँ की मौत हो गई है। परिणीता की आँखों से आंसू बहने लगते हैं। वह अपनी माँ की यादों में खो जाती है, और चिट्ठी के रहस्यमय विचारों को भूल जाती है।

चिंतित और दुखी होकर, परिणीता वहाँ से भागती है, अपने दोस्त सोनाली के पास जाती है और उसे यह सब बताती है। सोनाली भी दुखी होती है और परिणीता को समझाने की कोशिश करती है कि वह उस चिट्ठी के पीछे की बातों का पता लगाए।

परिणीता के मन में उलझन बढ़ती जाती है, क्योंकि वह समझने की कोशिश कर रही है कि उसकी माँ की मौत और चिट्ठी के बीच कैसे कोई संबंध हो सकता है।

[Part two on demand]

Posted by

Share

This is my official blog where i will be sharing my stories and my perspectives and understandings about life and my world around me ! All views and opinions are my personal and I blame myself for the same !

About

This is the Official Web Portal of Digital Creator, Abhishek Mishra from India known by his brand name “ORIGINAL MISHRA”

Categories

]]>
https://originalmishra.com/agwat-sanket-sawal-aur-jeevan-ki-chunotiya/feed/ 0
अनलॉक रहस्य : मिशन वास्तविकता का सामना https://originalmishra.com/unlock-rahasya-mission-bastabikata-ka-samna/ https://originalmishra.com/unlock-rahasya-mission-bastabikata-ka-samna/#respond Tue, 08 Aug 2023 06:54:31 +0000 https://originalmishra.com/?p=771

अनलॉक रहस्य : मिशन वास्तविकता का सामना

अनलॉक रहस्य : मिशन वास्तविकता का सामना

जय और विक्रम दो अच्छे दोस्त थे, जो एक-दूसरे के साथ अपनी हर खुशी और दुख़ बाँटते थे। एक दिन, जय ने विक्रम को ‘Kim’ नामक ऑनलाइन वेबसाइट के बारे में बताया।

विक्रम: “ये ‘Kim’ वेबसाइट क्या है जय?

जय: “हाँ विक्रम, ये एक बेहद रोचक वेबसाइट है! इसमें चुनौतियों और संदेशों से भरी पुरानी कहानियां होती हैं। तुम एक प्रतियोगिता खेल सकते हो और यह वेबसाइट तुम्हें तुम्हारे दिमाग की क्षमता को जांचती है। तुम्हें यह खोजना चाहिए, यकीन मानो, तुम्हें यह बहुत पसंद आएगा!”

विक्रम: “सुनता हूँ, लेकिन क्या यह सुरक्षित है? तुम्हारे डेटा और जानकारी को सेव करती है क्या?”

जय: “हाँ, मुझे पूरा भरोसा है कि यह सुरक्षित है। वेबसाइट के प्रयोगकर्ता नीति में सभी जानकारी संरक्षित रहती है और उसे किसी के साथ साझा नहीं किया जाता।”

विक्रम: “ठीक है, तो मैं भी एक नजर डालता हूँ। इतना उत्साहित होने का मतलब तो कुछ बड़ा ही होगा।”

जय: “अब तुम इसे खेलोगे, तो यह तुम्हारे और तुम्हारे सभी दोस्तों के लिए बहुत मजेदार होगा। तुम यह चुनौतियों से भरी कहानियों को हल करने में अपने दिमाग की शक्ति का उपयोग करोगे।”

विक्रम: “वाकई यह बहुत मजेदार लग रहा है! शायद मैं इसे अपने दोस्तों को भी बताऊँ।”

जय: “हाँ, यह तुम्हारे दोस्तों को भी पसंद आएगा, विक्रम। चलो, इसे आज रात को हम सभी साथ में खेलते हैं।”

विक्रम: “पक्का, मैं सभी को इसके बारे में बताता हूँ। और ध्यान रखना, हम सभी मिलकर खेलते हैं, विजयी होने का बड़ा मौका है!”

जय: “हां, बिल्कुल! हम सभी एक-दूसरे को सपोर्ट करेंगे और यह चुनौतियां हमें और मज़बूत बनाएगी।” विक्रम और जय ने बाकी दोस्तों को ‘Kim’ के बारे में बताया और उन्हें साथ में खेलने के लिए बुलाया। रात को सभी मिलकर ‘Kim’ खेलने के लिए तैयार हो गए। वे चुनौतियों का सामना करने में बहुत लगे रहे, l वे सभी मिलकर मिलीभगत से उन्हें हल करने में सफल हुए।

जैसे-जैसे वे आगे बढ़ते गए, उन्हें एक-दूसरे का समर्थन मिलता रहा। वे एक दूसरे के लिए प्रेरणा बने और चुनौतियों का सामना करने का साहस किया। जैसे कि विक्रम और जय के दोस्ती में और मज़बूती आई, वे ‘Kim’ के साथ खेलते हुए और भी मज़े करने लगे। वे एक-दूसरे के साथ हर खुशी और समय बिताते थे। कुछ समय बाद, जब वे इस वेबसाइट से आराम से बाहर निकल आए, तो उन्होंने एक-दूसरे के साथ अपनी यात्रा के ये अनमोल पल संगठित किए। जय और विक्रम की दोस्ती अब और भी गहराई से बढ़ गई थी, और वे एक-दूसरे के असली मित्र बन गए थे।

जय, विक्रम, और राहुल ने अपने दोस्ती का दम लगाकर ‘Kim’ वेबसाइट के सभी मिशन्स को पूरा किया।

यह लड़की जिसका नाम रिया था, एक आत्मनिर्भर और साहसिक लड़की थी। वह गेम में फंस जाने से पहले अपने जीवन को अच्छे से जी रही थी। लेकिन जैसे ही उसने ‘Kim’ वेबसाइट को खेलना शुरू किया, वह गेम के जादू में खुद को खो बैठी। जैसे-जैसे वह गेम के मिशन्स को पूरा करने का प्रयास करती गई, उसे यह पता चला कि गेम वास्तविक दुनिया से जुड़ा हुआ है और उसके मिशन्स असली लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। रिया को एक महत्वपूर्ण चुनौती का सामना करना पड़ा – जीतने के लिए उसे अपनी खुद की भावनाओं की भीख मांगनी पड़ी। जब वह आखिरी और सबसे कठिन मिशन को पूरा करने के लिए पहुंची, तो उसे अपने और अपने दोस्तों के जीवन के बारे में फैसला करना पड़ा।

रिया ने सोचा और समझा, और उसने निर्णय किया कि उसे खुद के लिए भीख मांगने के बजाय अपने दोस्तों के जीवन को बचाना है। वह गेम को जीतने के बजाय उसे छोड़ देने का फैसला कर लिया। रिया ने वेबसाइट से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन वेबसाइट उसको नहीं जाने दी।

रिया के दोस्त उसकी मदद करने के लिए उसके पीछे पड़ गए। उन्होंने एक साथ मिलकर गेम के रहस्यमयी मिशन्स को समझा और उन्होंने रिया को समर्थन दिया। सबका सामना करते हुए, उन्होंने गेम के विचारशील मास्टरमाइंड को परास्त कर दिया और रिया को वेबसाइट से मुक्ति मिल गई।

इस कहानी के जरिए हमें यह सीख मिलती है कि सच्चे मित्र कभी भी अपने दोस्तों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं

Posted by

Share

This is my official blog where i will be sharing my stories and my perspectives and understandings about life and my world around me ! All views and opinions are my personal and I blame myself for the same !

About

This is the Official Web Portal of Digital Creator, Abhishek Mishra from India known by his brand name “ORIGINAL MISHRA”

Categories

]]>
https://originalmishra.com/unlock-rahasya-mission-bastabikata-ka-samna/feed/ 0
मिशन: द वाइट नाइट्स https://originalmishra.com/mission-the-bite-nights/ https://originalmishra.com/mission-the-bite-nights/#respond Mon, 07 Aug 2023 10:16:26 +0000 https://originalmishra.com/?p=761

मिशन: द वाइट नाइट्स

मिशन: द वाइट नाइट्स

वर्ष 2042 की दुनिया एक खतरनाक जगह बन गई है। जलवायु परिवर्तन ने बाढ़, सूखे, और सूनामी जैसी प्राकृतिक आपदाएं जन्म दी हैं। आतंकवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है।

इस अराजकता के बीच, एक गुप्त संगठन है जो दुनिया को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संगठन को “द जेम्स बॉन्ड्स” कहा जाता है, और वे दुनिया के सबसे अच्छे जासूसों और एजेंटों का समूह हैं।

द जेम्स बॉन्ड्स का नेतृत्व एक रहस्यमय व्यक्ति, जिन्हें द वाइट नाइट करते हैं। द वाइट नाइट एक महान योद्धा और बुद्धिमान नेता हैं। वह द जेम्स बॉन्ड्स के सदस्यों को प्रशिक्षित करते हैं ताकि वे दुनिया को आतंकवाद से बचा सकें।

एक दिन, द जेम्स बॉन्ड्स को एक खतरनाक मिशन पर भेजा जाता है। उन्हें एक नए प्रकार के हथियार को रोकना होता है जो दुनिया को नष्ट कर सकता है। हथियार एक छोटा, परमाणु शक्तिशाली बम है जिसे एक व्यक्ति द्वारा ले जाया जा सकता है।

द जेम्स बॉन्ड्स एजेंट, जॉन, को मिशन के लिए चुना गया। जॉन एक वरिष्ठ एजेंट हैं जिन्हें अपने तेज दिमाग और दृष्टि के लिए पहचाना जाता है।

जॉन : सर, मुझे इस मिशन के लिए तैयार होने का एक मौका देने के लिए धन्यवाद। मैं वादा करता हूँ कि मैं पूरी मेहनत और समर्पण से इसे पूरा करूँगा।

द वाइट नाइट: जॉन, तुम इस मिशन के लिए चयन हुए हो क्योंकि तुम्हारी योग्यता और निष्ठा पर मुझे पूरा भरोसा है। इस हथियार को रोकना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें कोई भी गलती नहीं होनी चाहिए।

जॉन: सर। मैं इसे बिना गलती के पूरा करूँगा।

द वाइट नाइट: जिस तरह से तुम अपने पिछले मिशनों में सफलता हासिल करते आए हो, मुझे पूरा भरोसा है कि तुम इस मिशन को भी सफलतापूर्वक पूरा करोगे।

जॉन: मैं खुशी से आपके लिए यह काम करूँगा। मेरी टीम और मैं इस मिशन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

द वाइट नाइट: जॉन जल्द ही तुम्हें मिशन के लिए जाना होगा। ध्यान रखना, यह एक खतरनाक मिशन है।

जॉन: बिल्कुल सर मैं तैयार हूँ।

द वाइट नाइट: शुभकामनाएँ, जॉन। तुम्हारे साथ होने पर मुझे गर्व है। हम सबको तुम्हारी सफलता का इंतजार होगा।

जॉन: आपका धन्यवाद, सर। मैं आपको निराश नहीं करूंगा। हम जल्दी ही वापस आएंगे और हाथियार को रोक देंगे।

जॉन (खुद से बोलते हुए): “कुछ सही नहीं लग रहा है। मुझे और जागरूक होना होगा।”

जब वह अंदर बढ़ता गया, तो उसने दूर में हलके से झलक दिखाई दी। आश्चर्य से, उसने एक पुराने प्रयोगशाला का पता लगाया, धिमी रौशनी में और अजीब उपकरणों से भरी हुई।

अचानक, एक आवाज़ कमरे के माध्यम से गूंजी, जिससे उसकी हड्डियाँ कांप गई।

आवाज़: “स्वागत है, एजेंट जॉन। ऐसा लगता है कि आपने मेरे छोटे से आश्रय में अपना रास्ता ढूंढ़ लिया है।”
जॉन मुड़ गए, आवाज़ का पता लगाने की कोशिश करते हुए, लेकिन ऐसा लग रहा था कि यह सभी दिशाओं से आ रही है।

जॉन: “तुम कौन हो? खुद को दिखाओ!”

आवाज़: “ओह, आप मुझे जल्द ही देखेंगे। पहले, मैं आपको कुछ दिलचस्प बता दूं। वह हथियार जिसे आप ढूंढ़ रहे हैं, आपकी सोच से भी अधिक शक्तिशाली है। यह सिर्फ एक साधारण बम नहीं है; यह एक ऐसा उपकरण है जो इतिहास के पथ को बदल सकता है।”

जॉन का दिल तेजी से धड़क रहा था
जॉन: “तुम इसका क्या इस्तेमाल करने का इरादा रखते हो? परिणाम भयानक हो सकते हैं!”

आवाज़: वो मुझे पता है और आपको जानने के लिए रहने देना होगा। मेरे साथ मिलकर, हम साथ में दुनिया को पुनः रच सकते हैं।”

जॉन: “मैं कभी अपने मिशन या अपने लोगों की खिलाफ नहीं जाऊंगा!”

आवाज़: लेकिन ध्यान रहे, घड़ी टिक रही है और समय खत्म हो रहा है।”

आवाज़ धीरे-धीरे गायब हो गई,जॉन को एक योजना की जरूरत थी,
जॉन (खुद से बोलते हुए): मुझे तत्कालिक मदद करने के लिए HQ से संपर्क करना होगा।”
उसने सतर्कता से अपने संपर्क उपकरण को निकाला लेकिन इसका सिग्नल बंद हो रहा था। वह बाहरी सहायता से कट गया था।

[Next part on demand]

Posted by

Share

This is my official blog where i will be sharing my stories and my perspectives and understandings about life and my world around me ! All views and opinions are my personal and I blame myself for the same !

About

This is the Official Web Portal of Digital Creator, Abhishek Mishra from India known by his brand name “ORIGINAL MISHRA”

Categories

]]>
https://originalmishra.com/mission-the-bite-nights/feed/ 0
शहर की चुप्पी और सीरियल किलर: रहस्यों का सच https://originalmishra.com/sahar-ki-chuppi-aur-serial-killer-rahasya-ka-sach/ https://originalmishra.com/sahar-ki-chuppi-aur-serial-killer-rahasya-ka-sach/#respond Sat, 05 Aug 2023 09:43:35 +0000 https://originalmishra.com/?p=752

शहर की चुप्पी और सीरियल किलर: रहस्यों का सच

शहर की चुप्पी और सीरियल किलर: रहस्यों का सच

मुंबई शहर में दहशत की आँधी चल रही थी। एक रहस्यमय सीरियल किलर ने बुरी तरह से शहर को दहला रखा था। दो हफ्तों में पांच महिलाओं को क्रूरता से मार दिया गया था, और पुलिस को उसका पता नहीं चल पा रहा था। जिससे शहर की जनता में डर और बेचैनी का माहौल पैदा हो गया था।

पुलिस अपनी सारी शक्ति और विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर रही थी, लेकिन अब तक कोई संदेहास्पद निशान नहीं मिला था। लोग सोचने लगे थे कि शायद यह कोई भूत है जो इन हत्याओं को कर रहा है, या फिर कोई मानसिक विकारी आतंकित है।

इसी बीच, इंस्पेक्टर सूर्यकांत सिंग नामक एक धैर्यशील और अनुभवी जासूस ने मामूली गलती की शिकार होकर संदेह का पटा लगाया। उन्होंने रहस्यमयी बुलेटिन बोर्ड पर हत्याओं के तथ्यों को विश्लेषित किया और एक नयी संदिग्ध दृश्य ढूंढ निकाला।

सिंग ने पता किया कि सभी पीड़िता युवा महिलाएं थीं, उन्हें दिनभर आते-जाते देखा जा चुका था। वे सभी एक कॉलेज की छात्राएं थीं। सिंग को यह विचार आया कि शायद वे एक साथी छात्र के पीछे हैं, जो उन्हें टारगेट बना रहा है।

उन्होंने विश्लेषण और छानबीन करते हुए पाया कि ये छात्राएं सभी एक ग्रुप का हिस्सा थीं, और राहुल नामक एक छात्र उस ग्रुप का भागीदार था। जिसके पास कुछ ज्यादा दोस्त नहीं थे।

सिंग ने अधिक जानकारी के लिए राहुल को गिरफ्तार कर लिया। उसने राहुल के साथ इंटररोगेशन किया और उसे धीरे-धीरे सभी हत्याओं के पीछे की कहानी बताई।

राहुल ने बताया उसके पास कई दोस्त थे। लेकिन उसके माता-पिता की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, और उसके भाई-बहन भी उस समय बाहर जाने के कारण दूर रहते थे। उसके जीवन में प्यार की कमी महसूस होती थी। धीरे-धीरे, उसका मानसिक संतुलन खराब होने लगा और उसे अजीब ख्वाब आने लगे, खुद को लोगों को नुकसान पहुंचाते हुए देखता था।

इस तनावपूर्ण स्थिति में, राहुल के दिमाग में एक अजीब सी चाल चली। उसने एक चित्रकारी चाल रची, जिसमें उसकी मनमानी के अनुसार युवा महिलाओं को निशाना बनाया जाता था। उसके मन में यह ख्याल बार बार उत्पन्न होता था कि शायद यह काम करके उसका मानसिक संतुलन सुधर जाएगा और उसको अपने अस्तित्व का महत्व मिल जाएगा।

राहुल की सबसे अधिक ख़ुशी यह थी कि उसके द्वारा रची गई चाल कामयाब साबित हो रही थी और उसे आत्मविश्वास हो रहा था। उसके पास अब अनेक दोस्त हो गए और उसका व्यक्तित्व बदल गया। लेकिन अंत में, उसकी इस अजीब चाल ने उसे अपराधी बना दिया।

राहुल ने अपनी सारी अपराधों को स्वीकार कर लिया और उसे उन पांच हत्याओं के लिए न्याय मिला जिनमें उसने अनजाने में भागीदारी की थी। उसके बाद, सिंग ने और तर्कपूर्ण सबूतों के साथ अन्य पीड़िताओं के नाम बाहर निकालने के लिए जांचताल जारी रखी।

हत्यारे को सलाखों में बंद करने के बाद भी, सिंग ने अपना वादा निभाने का फैसला किया। वे दृढ़ता से अपने कर्तव्य का पालन करने की तैयारी कर रहे थे, ताकि अब तक छुपे दरिंदे को भी सज़ा मिल सके उन्होंने सोचा कि एक वरिष्ठ जासूस के रूप में उन्हें अपनी मातृभूमि की सेवा करते हुए अपने प्रतिबद्धता को साबित करना होगा। इस रहस्यमय कहानी का अगला पन्ना भी सिंग के सामने था

Posted by

Share

This is my official blog where i will be sharing my stories and my perspectives and understandings about life and my world around me ! All views and opinions are my personal and I blame myself for the same !

About

This is the Official Web Portal of Digital Creator, Abhishek Mishra from India known by his brand name “ORIGINAL MISHRA”

Categories

]]>
https://originalmishra.com/sahar-ki-chuppi-aur-serial-killer-rahasya-ka-sach/feed/ 0
दुर्घटना मिशन याद तलाश https://originalmishra.com/durghatna-mission-yaad-talaash/ https://originalmishra.com/durghatna-mission-yaad-talaash/#respond Wed, 02 Aug 2023 12:21:26 +0000 https://originalmishra.com/?p=742

दुर्घटना मिशन याद तलाश

दुर्घटना मिशन याद तलाश

मैं एक अस्पताल के बिस्तर में उठा, मेरा सिर धड़क रहा था। मैंने चारों ओर देखा, लेकिन कुछ भी नहीं पहचाना। मैंने याद करने की कोशिश की कि मैं वहां कैसे पहुंचा, लेकिन मेरा मन खाली था।

एक नर्स आई और मुस्कुराई।

“नमस्ते,” उन्होंने कहा।

“तुम जाग गए हो।”

“मैं हूँ?” मैंने पूछा।

“लेकिन … कैसे?”

“तुम एक कार दुर्घटना में थे,” उन्होंने कहा।

“तुम एक महीने से कोमा में थे।”

एक महीने? मैं विश्वास नहीं कर सकता था। एक महीने का मेरा जीवन, बस चला गया।

“मुझे कुछ भी याद नहीं है,”

“यह असामान्य नहीं है,” नर्स ने कहा।

“आपकी याददाश्त शायद जल्द ही वापस आ जाएगी।”

मैंने सिर हिलाया, लेकिन मैं बहुत आशावादी महसूस नहीं कर रहा था। मुझे अपना नाम भी नहीं पता था। नर्स चली गई, और मैं फिर से अकेला था। मैंने आँखें बंद कीं और कुछ भी याद करने की कोशिश की। लेकिन सब कुछ एकदम खाली था। मैंने आँखें खोलीं और फिर से कमरे के चारों ओर देखा। एक खिड़की थी, और मैं बाहर सूरज को चमकते हुए देख सकता था। यह एक सुंदर दिन था, लेकिन मैं इसका आनंद नहीं ले सकता था। मैं अपनी याददाश्त के बारे में बहुत चिंतित था।

मैंने दरवाजे पर एक दस्तक सुनी, और मैंने एक आदमी को खड़ा देखा। वह लंबा काले बालों और नीली आंखों वाला।

उन्होंने कहा। “मेरा नाम डेविड है। मैं तुम्हारा दोस्त हूँ।”

“एक दोस्त?” मैंने पूछा।

“लेकिन मुझे तुम याद नहीं आते।”

“यह ठीक है,” उन्होंने कहा।

“आपने बहुत कुछ झेला है। आपकी याददाश्त शायद जल्द ही वापस आ जाएगी।”

“मुझे उम्मीद है कि ऐसा होगा,” मैंने कहा।

“मुझे भी,” उन्होंने कहा। “इस बीच, मैं तुम्हारे लिए हूँ।”

“धन्यवाद,” मैंने कहा।

डेविड मेरे बगल में बैठ गया और हम कुछ देर बात करते रहे। उन्होंने मुझे अपने जीवन के बारे में बताया, और मैंने उन्हें अपने बारे में बताया। बात करने के लिए कोई मिलना अच्छा था, जैसे-जैसे हम बात करते थे, मैं थोड़ा बेहतर महसूस करने लगा। हो सकता है कि मेरी याददाश्त वापस आ जाए। और अगर नहीं, तो मेरे पास डेविड था। वह एक अच्छा दोस्त था, और मुझे पता था कि वह मुझे इससे गुजरने में मदद करेगा।

“तो,” डेविड ने कहा, “अब तुम क्या करना चाहते हो?”

“मुझे नहीं पता,” मैंने कहा। “मुझे लगता है कि मुझे घर जाना चाहिए।” “यह एक अच्छा विचार लगता है,” डेविड ने कहा। “मैं तुम्हें ड्राइव कर दूंगा।”

हम उठे और अस्पताल से बाहर चले गए। डेविड ने मुझे मेरे अपार्टमेंट में छोड़ दिया “जल्द ही मिलते हैं,” उन्होंने कहा। “ठीक है,” मैंने कहा। “धन्यवाद।” मैं अपने अपार्टमेंट के अंदर गया और दरवाजा बंद कर दिया। मैं फिर से अकेला था, लेकिन मैं इतना खोया नहीं हुआ महसूस कर रहा था। मेरे पास डेविड था, और मुझे पता था कि वह मुझे अपना रास्ता खोजने में मदद करेगा।

मैं सोफे पर बैठ गया और जो कुछ हुआ था, उसके बारे में सोचा। मुझे नहीं पता था कि मैं कौन था, लेकिन मैं यह पता लगाने के लिए दृढ़ था। मुझे पता था कि यह आसान नहीं होगा, लेकिन मैं चुनौती के लिए तैयार था।

कुछ दिनों बाद, मुझे एक फोन आया। यह एक जासूस से था। उन्होंने मुझे बताया कि वह मेरी कार दुर्घटना की जांच कर रहे थे, और उनके पास कुछ नई जानकारी थी।

Part two on demand

Posted by

Share

This is my official blog where i will be sharing my stories and my perspectives and understandings about life and my world around me ! All views and opinions are my personal and I blame myself for the same !

About

This is the Official Web Portal of Digital Creator, Abhishek Mishra from India known by his brand name “ORIGINAL MISHRA”

Categories

]]>
https://originalmishra.com/durghatna-mission-yaad-talaash/feed/ 0
सपनों का जादुई डिब्बा https://originalmishra.com/swapno-ka-jadui-dibba/ https://originalmishra.com/swapno-ka-jadui-dibba/#respond Tue, 01 Aug 2023 12:30:00 +0000 https://originalmishra.com/?p=731

सपनों का जादुई डिब्बा

सपनों का जादुई डिब्बा

एक दिन, रानी जंगल में काम कर रही थी जब उसने एक चमकदार वस्तु देखी। उसने इसे उठाया और देखा कि यह एक छोटा सा बॉक्स था। बॉक्स में एक कागज का टुकड़ा था, जिस पर लिखा था: “इस बॉक्स से अपनी इच्छाएं पूरी करें।”

रानी बहुत खुश हुई। उसने सोचा कि अब वह कुछ भी पा सकती है जो वह चाहती है। उसने बॉक्स को खोला और एक इच्छा की। अगले ही पल, उसकी इच्छा पूरी हो गई। रानी बहुत खुश थी। उसने बॉक्स को फिर से खोला और एक और इच्छा की। फिर भी, उसकी इच्छा पूरी हो गई। रानी बहुत खुश थी। उसने बॉक्स को फिर से खोला और एक और इच्छा की। और फिर भी, उसकी इच्छा पूरी हो गई।

रानी बहुत खुश थी। वह कुछ भी पा सकती थी जो वह चाहती थी। लेकिन जल्द ही, वह खुश नहीं रही। वह बहुत लालची हो गई। वह और भी अधिक चाहती थी। उसने बॉक्स को खोला और एक बड़ी इच्छा की। लेकिन इस बार, उसकी इच्छा पूरी नहीं हुई। बॉक्स से एक आवाज आई: “तुम्हारी इच्छा बहुत बड़ी है। मैं इसे पूरा नहीं कर सकती।”

रानी बहुत गुस्सा हुई। उसने बॉक्स को फेंक दिया। बॉक्स जंगल में खो गया। रानी बहुत दुखी थी। उसने महसूस किया कि उसने एक गलती की है। वह फिर से गरीब हो गई थी, लेकिन वह अब खुश थी। वह जानती थी कि पैसा सब कुछ नहीं है। रानी ने फिर से काम करना शुरू कर दिया। इस बार, वह नहीं चाहती थी कि वह फिर से लालची हो जाए। वह जानती थी कि पैसा सब कुछ नहीं है।

रानी ने अपने गाँव में एक स्कूल खोला। वह गरीब बच्चों को पढ़ाना चाहती थी। उसने उन्हें पढ़ाया कि पैसा सब कुछ नहीं है। उन्हें सिखाया कि मेहनत और ईमानदारी सबसे महत्वपूर्ण चीजें हैं।

रानी का स्कूल बहुत सफल रहा। गाँव के सभी बच्चे स्कूल जाते थे। वे सब रानी से बहुत प्यार करते थे। रानी बहुत खुश थी। वह जानती थी कि वह अपने जीवन में कुछ अच्छा कर रही है।

रानी के स्कूल ने गाँव में एक बड़ा बदलाव लाया। गाँव के बच्चे अब पढ़ना और लिखना जानते थे। वे अपने जीवन में कुछ अच्छा करना चाहते थे। वे रानी से प्रेरित थे। रानी बहुत खुश थी। वह जानती थी कि वह अपने जीवन में कुछ अच्छा कर रही है। लेकिन वह भी जानती थी कि वह और भी कुछ कर सकती है। वह चाहती थी कि उसके स्कूल के बच्चे और भी बेहतर हों।

एक दिन, रानी को एक अजीब सपना आया। सपने में, एक बुद्धिमान बूढ़ा आदमी ने उसे बताया कि उसके पास एक शक्तिशाली वस्तु है जो उसे अपने स्कूल के बच्चों को और भी बेहतर बना सकती है। वस्तु एक जादुई बॉक्स था।

बूढ़े आदमी ने रानी को बताया कि बॉक्स में तीन इच्छाएं थीं। अगर रानी इन इच्छाओं को बुद्धिमानी से इस्तेमाल करती, तो वह अपने स्कूल के बच्चों को कुछ भी सिखा सकती थी।

रानी जाग गई और उसने सपने को याद किया। वह बॉक्स को खोजने के लिए जंगल में गई। कई दिनों की खोज के बाद, उसने आखिरकार बॉक्स को पाया।

रानी ने बॉक्स को खोला और तीन इच्छाएं कीं। पहली इच्छा उसने अपने स्कूल के बच्चों को पढ़ने और लिखने की बेहतर समझ देने के लिए की। दूसरी इच्छा उसने अपने स्कूल के बच्चों को गणित, विज्ञान, और इतिहास की बेहतर समझ देने के लिए की। और तीसरी इच्छा उसने अपने स्कूल के बच्चों को दुनिया के बारे में बेहतर समझ देने के लिए की।

रानी की इच्छाएं पूरी हो गईं। उसके स्कूल के बच्चे अब बहुत बुद्धिमान थे। वे दुनिया के बारे में बहुत कुछ जानते थे। वे अपने जीवन में कुछ अच्छा करना चाहते थे। वे रानी से प्रेरित थे। रानी बहुत खुश थी। वह जानती थी कि वह अपने स्कूल के बच्चों को कुछ भी सिखा सकती थी। वह जानती थी कि वह अपने लोगों के लिए कुछ अच्छा कर रही है।

रानी ने अपने स्कूल के बच्चों को सिखाया कि कैसे अपने जीवन में ईमानदार और मेहनती बना जाएं। उन्हें यह भी सिखाया कि दूसरों की मदद करना और सबकी भलाई के लिए काम करना बहुत महत्वपूर्ण है।

आज, रानी के स्कूल के बच्चे अपने गाँव के सबसे सम्मानित और सबसे ज्ञानी लोग हैं। उन्होंने अपने जीवन को सफलता से भर दिया है और अब वे अपने गाँव के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

Posted by

Share

This is my official blog where i will be sharing my stories and my perspectives and understandings about life and my world around me ! All views and opinions are my personal and I blame myself for the same !

About

This is the Official Web Portal of Digital Creator, Abhishek Mishra from India known by his brand name “ORIGINAL MISHRA”

Categories

]]>
https://originalmishra.com/swapno-ka-jadui-dibba/feed/ 0
आईने के टुकड़े https://originalmishra.com/aaine-ke-tukre/ https://originalmishra.com/aaine-ke-tukre/#respond Tue, 01 Aug 2023 10:09:42 +0000 https://originalmishra.com/?p=722

आईने के टुकड़े

आईने के टुकड़े

एक बार की बात है, भारत के एक गाँव में एक सच्चा आईना था। यह आईना बहुत ही खास था क्योंकि यह हमेशा लोगों को उनकी असली सुंदरता दिखाता था, चाहे वे कितने ही अमीर या गरीब हों।एक दिन, एक अमीर राजा इस आईने को देखने के लिए गाँव आया। वह अपनी सुंदरता पर बहुत घमंड करता था और सोचता था कि वह दुनिया का सबसे सुंदर आदमी है। लेकिन जब उसने आईने में अपना चेहरा देखा, तो वह चौंक गया। आईने ने उसे दिखाया कि वह वास्तव में बहुत ही कुरूप और घमंडी है।

राजा बहुत गुस्सा हुआ। वह नहीं मान सकता था कि आईना उसे सच दिखा रहा था। उसने आईना उठाया और उसे जमीन पर फेंक दिया, जिससे वह टुकड़ों में टूट गया।

आईने के टुकड़े में बिखर गए। राजा के नौकर घबरा गए। वे नहीं जानते थे कि इन टुकड़ों का क्या करना चाहिए। कुछ लोगों ने सोचा कि उन्हें फेंक दिया जाना चाहिए, लेकिन दूसरों ने सोचा कि उन्हें रखा जाना चाहिए।

अंत में, राजा के नौकरों ने फैसला किया कि वे टुकड़ों को रखेंगे। उन्हें लगा कि वे शायद इनका इस्तेमाल लोगों की मदद करने के लिए कर सकते हैं।

अगले दिन, राजा के नौकर गाँव गए और लोगों को आईने के टुकड़े देने लगे। लोग बहुत हैरान थे जब उन्होंने आईने के टुकड़े देखे। उन्होंने ऐसा कुछ पहले कभी नहीं देखा था।

लोगों ने आईने के टुकड़ों का इस्तेमाल अपनी असली सुंदरता को देखने के लिए शुरू किया। वे जो कुछ भी देख रहे थे, उससे वे बहुत खुश थे। उन्होंने महसूस किया कि वे सभी सुंदर हैं, चाहे वे कितने ही अमीर या गरीब हों।

आईने के टुकड़ों की खबर पूरे गाँव में जल्दी ही फैल गई। जल्द ही, हर कोई अपनी असली सुंदरता को देखने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहा था। गाँव एक बहुत ही खुशहाल जगह बन गया।

राजा को जब आईने के टुकड़ों के बारे में पता चला तो वह बहुत गुस्सा हुआ। उसने अपने सैनिकों को गाँव में भेजा ताकि वे आईने के टुकड़े छीन सकें। लेकिन लोगों ने उन्हें नहीं दिया। वे जानते थे कि आईना उनकी असली सुंदरता को देखने में मदद करते हैं।

राजा के सैनिक आईने के टुकड़े नहीं छीन पाए। उन्होंने आखिरकार हार मान ली और महल वापस चले गए। गाँव के लोग आईने के टुकड़ों का इस्तेमाल करना जारी रखते थे। वे उनसे बहुत खुश थे। आईने के टुकड़ों ने उन्हें उनकी असली सुंदरता को देखने में मदद की और उन्हें अपने आप में अधिक आत्मविश्वास महसूस कराया।

हम सभी की अपनी असली सुंदरता है, चाहे हम कितने ही अमीर या गरीब हों। हमें अपनी आंतरिक सुंदरता को पहचानना और उसका सम्मान करना चाहिए।

Posted by

Share

This is my official blog where i will be sharing my stories and my perspectives and understandings about life and my world around me ! All views and opinions are my personal and I blame myself for the same !

About

This is the Official Web Portal of Digital Creator, Abhishek Mishra from India known by his brand name “ORIGINAL MISHRA”

Categories

]]>
https://originalmishra.com/aaine-ke-tukre/feed/ 0