मुंबई शहर में दहशत की आँधी चल रही थी। एक रहस्यमय सीरियल किलर ने बुरी तरह से शहर को दहला रखा था। दो हफ्तों में पांच महिलाओं को क्रूरता से मार दिया गया था, और पुलिस को उसका पता नहीं चल पा रहा था। जिससे शहर की जनता में डर और बेचैनी का माहौल पैदा हो गया था।
पुलिस अपनी सारी शक्ति और विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर रही थी, लेकिन अब तक कोई संदेहास्पद निशान नहीं मिला था। लोग सोचने लगे थे कि शायद यह कोई भूत है जो इन हत्याओं को कर रहा है, या फिर कोई मानसिक विकारी आतंकित है।
इसी बीच, इंस्पेक्टर सूर्यकांत सिंग नामक एक धैर्यशील और अनुभवी जासूस ने मामूली गलती की शिकार होकर संदेह का पटा लगाया। उन्होंने रहस्यमयी बुलेटिन बोर्ड पर हत्याओं के तथ्यों को विश्लेषित किया और एक नयी संदिग्ध दृश्य ढूंढ निकाला।
सिंग ने पता किया कि सभी पीड़िता युवा महिलाएं थीं, उन्हें दिनभर आते-जाते देखा जा चुका था। वे सभी एक कॉलेज की छात्राएं थीं। सिंग को यह विचार आया कि शायद वे एक साथी छात्र के पीछे हैं, जो उन्हें टारगेट बना रहा है।
उन्होंने विश्लेषण और छानबीन करते हुए पाया कि ये छात्राएं सभी एक ग्रुप का हिस्सा थीं, और राहुल नामक एक छात्र उस ग्रुप का भागीदार था। जिसके पास कुछ ज्यादा दोस्त नहीं थे।
सिंग ने अधिक जानकारी के लिए राहुल को गिरफ्तार कर लिया। उसने राहुल के साथ इंटररोगेशन किया और उसे धीरे-धीरे सभी हत्याओं के पीछे की कहानी बताई।
राहुल ने बताया उसके पास कई दोस्त थे। लेकिन उसके माता-पिता की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, और उसके भाई-बहन भी उस समय बाहर जाने के कारण दूर रहते थे। उसके जीवन में प्यार की कमी महसूस होती थी। धीरे-धीरे, उसका मानसिक संतुलन खराब होने लगा और उसे अजीब ख्वाब आने लगे, खुद को लोगों को नुकसान पहुंचाते हुए देखता था।
इस तनावपूर्ण स्थिति में, राहुल के दिमाग में एक अजीब सी चाल चली। उसने एक चित्रकारी चाल रची, जिसमें उसकी मनमानी के अनुसार युवा महिलाओं को निशाना बनाया जाता था। उसके मन में यह ख्याल बार बार उत्पन्न होता था कि शायद यह काम करके उसका मानसिक संतुलन सुधर जाएगा और उसको अपने अस्तित्व का महत्व मिल जाएगा।
राहुल की सबसे अधिक ख़ुशी यह थी कि उसके द्वारा रची गई चाल कामयाब साबित हो रही थी और उसे आत्मविश्वास हो रहा था। उसके पास अब अनेक दोस्त हो गए और उसका व्यक्तित्व बदल गया। लेकिन अंत में, उसकी इस अजीब चाल ने उसे अपराधी बना दिया।
राहुल ने अपनी सारी अपराधों को स्वीकार कर लिया और उसे उन पांच हत्याओं के लिए न्याय मिला जिनमें उसने अनजाने में भागीदारी की थी। उसके बाद, सिंग ने और तर्कपूर्ण सबूतों के साथ अन्य पीड़िताओं के नाम बाहर निकालने के लिए जांचताल जारी रखी।
हत्यारे को सलाखों में बंद करने के बाद भी, सिंग ने अपना वादा निभाने का फैसला किया। वे दृढ़ता से अपने कर्तव्य का पालन करने की तैयारी कर रहे थे, ताकि अब तक छुपे दरिंदे को भी सज़ा मिल सके उन्होंने सोचा कि एक वरिष्ठ जासूस के रूप में उन्हें अपनी मातृभूमि की सेवा करते हुए अपने प्रतिबद्धता को साबित करना होगा। इस रहस्यमय कहानी का अगला पन्ना भी सिंग के सामने था