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आईने के टुकड़े

आईने के टुकड़े

एक बार की बात है, भारत के एक गाँव में एक सच्चा आईना था। यह आईना बहुत ही खास था क्योंकि यह हमेशा लोगों को उनकी असली सुंदरता दिखाता था, चाहे वे कितने ही अमीर या गरीब हों।एक दिन, एक अमीर राजा इस आईने को देखने के लिए गाँव आया। वह अपनी सुंदरता पर बहुत घमंड करता था और सोचता था कि वह दुनिया का सबसे सुंदर आदमी है। लेकिन जब उसने आईने में अपना चेहरा देखा, तो वह चौंक गया। आईने ने उसे दिखाया कि वह वास्तव में बहुत ही कुरूप और घमंडी है।

राजा बहुत गुस्सा हुआ। वह नहीं मान सकता था कि आईना उसे सच दिखा रहा था। उसने आईना उठाया और उसे जमीन पर फेंक दिया, जिससे वह टुकड़ों में टूट गया।

आईने के टुकड़े में बिखर गए। राजा के नौकर घबरा गए। वे नहीं जानते थे कि इन टुकड़ों का क्या करना चाहिए। कुछ लोगों ने सोचा कि उन्हें फेंक दिया जाना चाहिए, लेकिन दूसरों ने सोचा कि उन्हें रखा जाना चाहिए।

अंत में, राजा के नौकरों ने फैसला किया कि वे टुकड़ों को रखेंगे। उन्हें लगा कि वे शायद इनका इस्तेमाल लोगों की मदद करने के लिए कर सकते हैं।

अगले दिन, राजा के नौकर गाँव गए और लोगों को आईने के टुकड़े देने लगे। लोग बहुत हैरान थे जब उन्होंने आईने के टुकड़े देखे। उन्होंने ऐसा कुछ पहले कभी नहीं देखा था।

लोगों ने आईने के टुकड़ों का इस्तेमाल अपनी असली सुंदरता को देखने के लिए शुरू किया। वे जो कुछ भी देख रहे थे, उससे वे बहुत खुश थे। उन्होंने महसूस किया कि वे सभी सुंदर हैं, चाहे वे कितने ही अमीर या गरीब हों।

आईने के टुकड़ों की खबर पूरे गाँव में जल्दी ही फैल गई। जल्द ही, हर कोई अपनी असली सुंदरता को देखने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहा था। गाँव एक बहुत ही खुशहाल जगह बन गया।

राजा को जब आईने के टुकड़ों के बारे में पता चला तो वह बहुत गुस्सा हुआ। उसने अपने सैनिकों को गाँव में भेजा ताकि वे आईने के टुकड़े छीन सकें। लेकिन लोगों ने उन्हें नहीं दिया। वे जानते थे कि आईना उनकी असली सुंदरता को देखने में मदद करते हैं।

राजा के सैनिक आईने के टुकड़े नहीं छीन पाए। उन्होंने आखिरकार हार मान ली और महल वापस चले गए। गाँव के लोग आईने के टुकड़ों का इस्तेमाल करना जारी रखते थे। वे उनसे बहुत खुश थे। आईने के टुकड़ों ने उन्हें उनकी असली सुंदरता को देखने में मदद की और उन्हें अपने आप में अधिक आत्मविश्वास महसूस कराया।

हम सभी की अपनी असली सुंदरता है, चाहे हम कितने ही अमीर या गरीब हों। हमें अपनी आंतरिक सुंदरता को पहचानना और उसका सम्मान करना चाहिए।

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